चंद्रशेखर और अनिल मिश्रा
चंद्रशेखर ने अपने समाज की आवाज उठाई तो देश के सभी नेताओ ने उसका समर्थन किया जबकि चंद्रशेखर जेल जा चुका था, दंगे भड़काने, अराजकता फैलाने आदि केस में लेकिन फिर भी इस देश के नेताओं ने उसे मसीहा बना दिया जबकि उसने ब्राह्मणों सहित हिंदुओं के लिए बहुत भड़काऊ बातें कहीं, हमेशा सामान्य वर्ग का विरोध करके राजनीति जमाई।
वहीं अनिल मिश्रा जी ने हाईकोर्ट में अपनी अच्छी वकालत की, जीवन में कभी कोई दाग नहीं लगा, कभी कोई अपराधिक पृष्ठभूमि नही रही कभी किसी जाति वर्ग समाज का विरोध नहीं किया सिर्फ अपने समाज के हक अधिकारों की बात कर रहे हैं तो यह आदमी पूरे देश की आंखो खटक रहा है।
अखिलेश यादव से लेकर भाजपा के समस्त नेताओं, कांग्रेस के राजद के सभी नेताओं के मन में इस आदमी के लिए कुंठा विरोध भरा है?
क्योंकि अनिल मिश्रा ब्राह्मण है सामान्य वर्ग से आते हैं, और चंद्रशेखर दलित है इसीलिए इस देश में दलितों को प्रिविलेज मिला है।