रात हमेशा सुकून नही देती,
कभी-कभी वो पुराने सवाल भी लौटा लाती है
वो चेहरे, वो लम्हे, वो बातें, वो यादें
जो हमने भुलाने की बहुत कोशिश की थी
पर चलो-
आज भी आँखें बंद करते हैं इस यक़ीन के साथ- कि जो हमारा था, वो कभी खोया नही
बस किसी और वक्त में ठहर गया है।
रूह को सुकून मिले, नींद को सच्ची खामोशी।