कभी मिट्टी में लोटने को आज़ादी कहते थे, अब फर्श पर गिरना हादसा कहलाता है..
बचपन में जो कपड़े फटे थे, वो शरारत का मेडल थे, और अब हल्की सी शिकन भी कपड़े खराब कहलाती है..
तब दुनिया छोटा सा मोहल्ला थी, और खुशियाँ बड़ी-बड़ी थीं.. अब दुनिया मोबाइल में सिमटी है, पर सुकून कहीं गुम है..
वो बचपन सच में अमीर था.. जेब खाली,पर दिल भरा हुआ..😊