#संपुर्ण_वंदे_मातरम अर्थ सहित
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्!
मैं मातृभूमि को नमस्कार करता हूँ, नमस्कार करता हूँ!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वन्दे मातरम्!
तू जल से भरपूर है, फलों से लदी हुई है, मलय पर्वत की ठंडी हवा से सुगंधित है,
हरियाली फसलों से हरी-भरी है, हे माँ!
मैं तुझे नमस्कार करता हूँ!
शुभ्रज्योत्स्नाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्॥
चंद्रमा के शुभ्र प्रकाश से तेजोमय रातें, जो आनंद से पुलकित हैं,
फूलों से लदे पेड़ों की पत्तियाँ जो सुंदर लगती हैं,
मुस्कुराती हुई, मीठी भाषा बोलने वाली,
सुख देने वाली, वरदान देने वाली, हे माँ!
मैं तुझे नमस्कार करता हूँ, नमस्कार करता हूँ!
कोटि कोटि कण्ठ कल कल निनाद कराले
द्विसप्त कोटि भुजैर्धृत खरकरवाले
के बोले मा तुमी अबले
बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीम् मातरम्॥
वन्दे मातरम्!
करोड़ों गलों से कल-कल बहती आवाज़ें गूँजती हैं,
सात करोड़ जोड़ी हाथों में तलवारें थामी हुई हैं,
कौन कहता है कि माँ तू कमजोर है?
मैं बहुत ताकत वाली, संसार पार कराने वाली,
दुश्मनों की सेना को रोकने वाली माँ को नमस्कार करता हूँ!
मैं तुझे नमस्कार करता हूँ!
तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि ह्रदि तुमि मर्म
त्वं हि प्राणाः शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारै प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम्॥
वन्दे मातरम्!
तू ही ज्ञान है, तू ही धर्म है, तू हृदय में है, तू जीवन का रहस्य है,
तू ही शरीर में प्राण है,
बाहों में तू ही माँ शक्ति है,
हृदय में तू ही माँ भक्ति है,
तेरी ही मूर्तियाँ हर मंदिर में गढ़ी गई हैं, हे माँ!
मैं तुझे नमस्कार करता हूँ!
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदल विहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलां मातरम्॥
वन्दे मातरम्!
तू ही दस हथियारों वाली दुर्गा है,
कमल की पंखुड़ियों पर विचरने वाली कमला (लक्ष्मी) है,
वाणी (सरस्वती) जो ज्ञान देती है, मैं तुझे नमस्कार करता हूँ,
कमल जैसी, पवित्र, अतुलनीय,
जल से भरपूर, फलदार माँ को नमस्कार!
मैं तुझे नमस्कार करता हूँ!
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम्
धरणीं भरणीं मातरम्॥
गहरी हरी, सरल, मीठी मुस्कान वाली, सजी हुई,
धरती को पालने वाली माँ!
@DrSanjaysinghK