2015 में तू दल्ला नही था उसके बाद बना तू चुशान्त
सरकार बदलने से हिंदुओं के लिए क्या बदल सकता है इसके दो सरल उदाहरण हैं राम मंदिर और अब दिल्ली में पटाखे चलने का फैसला।
वरना किसी को तो राम काल्पनिक पात्र तक नजर आते थे..
किसी को दुनिया भर के युद्ध और पराली जलने से ओजोन लेयर में छेद होता नहीं दिखता था, सारा प्रदूषण दिवाली के पटाखों से ही हो जाया करता था।
बात सिर्फ मजबूती से अपना पक्ष रखने की होती है कई बार.. वो रखा गया तो नतीजा भी बदल गया।