डॉ अंबेडकर नहीं चाहते थे कि आदिवासियों और जरायमपेशा जातियों (Criminal tribes) को वोट डालने का भी अधिकार मिले ~
अंबेडकरियों को सच्चाई पता नहीं है इसलिए कुछ लोग अंबेडकर के भक्त और अंधभक्त बने फिर रहे हैं।
और दिन रात झूठ बोल बोल कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि अंबेडकर आदिवासियों और जरायमपेशा जातियों को वोट डालने का अधिकार नहीं देने पक्ष में थे।
साइमन कमीशन सबको वोट का अधिकार देने के पक्ष में था जबकि डॉ अंबेडकर ने आदिवासियों और जरायमपेशा जातियों को वोट का अधिकार देने से मना कर दिया था।
अगर ये लोग खासतौर पर चमार, आदिवासी, अहीर मीणा आदि डॉ अंबेडकर को ढंग से पढ़ लें और सच्चाई को जान लें तो इनकी अंधभक्ति का नशा एक झटके में उतर जाएगा।
डॉ अंबेडकर की सच्चाई सबूतों के साथ पढ़ो……
भारतीय सांविधिक आयोग के समक्ष 23 अक्तूबर, 1928 को डॉ. अम्बेडकर का साक्ष्य~
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19. कर्नल लेन फौक्स - जो दो ज्ञापन हमें मिले हैं, वे किन आंकड़ों पर आधारित हैं? प्रत्येक ज्ञापन में आपने दलितों के लिए विशेष प्रतिनिधित्व मांगा है। एक ज्ञापन में आप वयस्क मताधिकार की मांग करते हैं और आपने सेना, नौसेना और अन्य नौकरियों में विशेष भर्ती की मांग की है। यदि आप यह आदिम जातियों और जरायम पेशा जातियों के लिए भी मांगते हैं, तो स्पष्टतः यह बहुत बड़ी बात है। यह सुविधाएं आपने बड़ी संख्या के लिए मांगी हैं या छोटी संख्या के लिए?
डॉ. अम्बेडकर :
मैंने यह दलित वर्गों के लिए मांगी हैं।
20. आदिम जातियों और जरायम पेशा जातियों के लिए भी?
डॉ. अम्बेडकर : जी नहीं, मैं नहीं समझता कि उन्हें वयस्क मताधिकार देना संभव
होगा।
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"112. क्या आप उन्हें वयस्क मताधिकार नहीं देना चाहेंगे और उनके लिए मनोनयन की व्यवस्था और स्वयं वयस्क मताधिकार लेंगे?
डॉ. अम्बेडकर : मैं एक बात कहूं। जरायम पेशा जातियों को वयस्क मताधिकार देना ठीक नहीं रहेगा,”
जरायमपेशा जातियां निम्नलिखित थीं ~
चमार, जाट,गूजर,अहीर, मीणा, लोधी अहेरिया,बहेलिया,बदक,बेड़िया, बंजारा,बंसी भरवाड़,बावरिया, बेलदार, भर, बंटू भट्टी,बोरिया बृजवासी चमार चमार मांगता दलश कर दरगी,डोम, कंजर,कलंदर, फकीर, कपरिया, मंगिया, महावत, कर्बला केवट ,खटीक,,मदारी, महावत, मल्लाह, मेवाती, मंगिया, मुसहर, नट, पलवार दुसाध, परवल, पासी, फिगिया, भील, ढेनवर, कंजर, सांसी, बंजारा, मोगिया,पसिया, बैरागी, फकीर , धीवर बाजीगर, लखेरा, लोधा, मदारी, बागड़ी, घोसी, लोहार, मेरासी, सेनोरिया,सिकलीगर, सिख, आदि जातियों को क्रिमिनल ट्राइब घोषित किया हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए क्रिमिनल ट्राइब एक्ट 1871 को पढ़ें।
Dr Ambedkar writings and speeches
Volume 2 page 463,471 पर अंग्रेजी में पढ़ें।
ये किताबें गूगल पर भी उपलब्ध हैं
लिंक है ~
mea.gov.in/books-writings-of…
दिनेश सिंघ एलएल.एम.
नई दिल्ली