नेहरू वो घिनौना ठरकी था, जो गाँधी की लाश पर चढ़कर सत्ता का खूनी ताज पहना।
धमकी, ब्लैकमेल, और गाँधी की कमजोरी का हथियार बनाकर उसने देश की गद्दी हथिया ली। भारत का खून किया – हिंदुस्तान को टुकड़े-टुकड़े कर पाकिस्तान थमा दिया।
जाति-धर्म का जहर घोला – हिंदू को हिंदू से, मुस्लिम को मुस्लिम से लड़वाकर वोटबैंक बनाया।
वन्दे मातरम को काटा – राष्ट्रगान की आत्मा निकालकर उसे नपुंसक बना दिया।
कश्मीर विदेशियों को परोसा – POK चीन-पाक को सौंपकर देश की गर्दन कटवाई।
तुष्टिकरण का कीड़ा – अल्पसंख्यकों को लॉलीपॉप देकर हिंदुओं को गुलाम बनाया।
स्वार्थ का साँप, कपट का भेड़िया– यही नेहरू था।
हर साँस में देश को लूटा, हर कदम पर गद्दारी की।
कोई कोना नहीं छोड़ा जहाँ उसने भारत माता को जहर न घोल दिया। इस कुटिल, चालबाज, नीच गद्दार की हर साजिश, हर धोखा, हर पाप को
हर गली, हर चौक, हर साँस में चीख-चीखकर उजागर करो –
ताकि नेहरू का नाम लेते ही थूक आए, और देश की आने वाली नस्लें
इस राक्षस से सदैव नफरत करें!