क्या कल दिल्ली में हुआ प्रदर्शन वाकई "प्रदूषण" को लेकर था?
हकीकत तो ये है कि वहाँ कई पोस्टर BJP और RSS के खिलाफ लगे थे। ये एक साफ़ संकेत है कि ये तथाकथित प्रदर्शन जनता की चिंता नहीं, बल्कि एक राजनीतिक एजेंडा था।
AAP ने जानबूझकर पंजाब में पराली जलाने पर नियंत्रण नहीं किया ताकि दिल्ली की हवा ज़हरीली हो जाए, और फिर अपने "स्लीपर सेल एक्टिविस्ट्स" के ज़रिए इसे एक नकली "जन आंदोलन" बना दिया जाए।
प्रदर्शन करना हर नागरिक का हक़ है, लेकिन "BJP-RSS मुर्दाबाद" जैसे नारों से साफ़ है कि AAP इसे जनता का आंदोलन नहीं, बल्कि अपनी सस्ती राजनीति का हथियार बना रही है।