2020 में, कैप्टन गौरव तनेजा द्वारा
#AirAsiaIndia के खिलाफ उड़ान सुरक्षा से संबंधित गंभीर मुद्दे उठाए गए थे, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि एयरलाइन ईंधन बचाने के लिए सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर रही थी। डीजीसीए ने इसकी जांच की और सुरक्षा चूक पाए जाने पर दो वरिष्ठ अधिकारियों—कैप्टन मनीष उप्पल (ऑपरेशंस प्रमुख) और कैप्टन मुकेश नीमा (उड़ान सुरक्षा प्रमुख)—को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया। तनेजा ने दावा किया कि उनकी शिकायत के कारण उन्हें एयरलाइन से निकाल दिया गया, जबकि सुरक्षा मुद्दों को पूरी तरह से ठीक नहीं किया गया।
यह सच है कि डीजीसीए ने जून 2020 में AirAsia India को शो-कॉज नोटिस जारी किया था, और जांच के बाद अगस्त 2020 में उप्पल और नीमा को निलंबित किया गया। तनेजा ने अपनी यूट्यूब वीडियो में बताया कि एयरलाइन पायलटों पर 98% लैंडिंग्स "Flap 3" मोड में करने का दबाव डालती थी, जो ईंधन बचाता है लेकिन कुछ हवाई अड्डों, जैसे इंफाल, में सुरक्षा जोखिम बढ़ा सकता है। डीजीसीए ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया और कार्रवाई की, लेकिन तनेजा को जून 2020 में एयरलाइन द्वारा निबंधन समाप्त कर दिया गया, जिसे उन्होंने अन्यायपूर्ण बताया।
पोस्ट में दावा किया गया है कि AirAsia, Vistara और Air India के विलय के बाद कैप्टन मनीष उप्पल अब Air India के "टॉप बॉस" हैं। हालांकि, उपलब्ध जानकारी के आधार पर, यह दावा पूरी तरह से सटीक नहीं है। Air India के विलय के बाद, कैम्पबेल विल्सन (CEO, Air India) और विनोद कन्नन (CEO, Vistara, जो अब Air India का हिस्सा है) जैसे वरिष्ठ अधिकारी नेतृत्व में हैं। कैप्टन मनीष उप्पल के Air India में किसी वरिष्ठ भूमिका में होने की पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि वह पहले AirAsia India में ऑपरेशंस प्रमुख थे और संभवतः विलय के बाद Air India समूह में किसी भूमिका में हो सकते हैं। इस दावे की पुष्टि के लिए और जानकारी की आवश्यकता है।विलय के संदर्भ में, AirAsia India और Vistara अब Air India समूह का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य परिचालन दक्षता और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना है। लेकिन इस प्रक्रिया में सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। तनेजा जैसे व्हिसलब्लोअर्स की भूमिका उड्डयन सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण होती है, और उनकी चिंताओं को गंभीरता से लेना चाहिए। साथ ही, यह भी जरूरी है कि आरोपों की निष्पक्ष जांच हो और जिम्मेदार व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराया जाए।