बड़े बुजुर्ग कह गए और सही कह गए हैं कि "पुलिस वालों की न दोस्ती अच्छी, न दुश्मनी..." 10-20-30 करोड़ छोड़िये, करोड़ दो करोड़ में ही ईमान बदल जाता है..मतलब यही है कि 'जिसे मसीहा समझा जा रहा वही हलाकु निकल आए तो'...
तस्वीरों का क्या है इनकी तो अपनी अलग कहानी होती है, कहानी कहां से शुरू हुई कहां खत्म हुई...सभी को जय जय सभी का मंगल हो..🙏🙏